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© सुरेश शिरोडकर.



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बुधवार, २६ नोव्हेंबर, २०१४

चारोळी

कशास यावे कुणी जीवनी
का जडवावी प्रीती
अर्ध्यावरती डाव सोडूनी
का तोडावी नाती

- सुरेश

तु आणी मी (२ ओळी)

मी बंधन, तू परीसीमा
मी लंडन, तू हीरोशीमा
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मी सुंदर, तू लावण्य
मी बंदर, तू अरण्य
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मी नशा, तू दारू
मी काश्या, तू पारू
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मी रस्ता, तू गाड़ी
मी पायजमा, तू नाडी
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मी सुर, तू गळा
मी शेत, तू मळा
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मी छत्री, तू पाऊस
मी कीबोर्ड, तू माऊस
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मी चौघडा तू सनई
मी मशाल तू समई
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मी अभंग फुगडी
मी अथांग तू लंगडी
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तू नदी मी सागर
तू मडका मी घागर
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